लेखनी कविता -नाच - बालस्वरूप राही
नाच / बालस्वरूप राही
पारियाँ बनकर नाचे हम,
छमक छमक छम छम छम छम
बालों में रेशमी रिबन,
पाँवों में घुँघरू छन छन,
हाथों में कंगन खन खन,
उजली फ़्राकें चम चम चम।
ठुमक-ठुमक कर बल खाएँ,
हम लहरों- सी लहराएँ,
झूम-झूम कर हम गाएँ,
सा रे गा मा पम पम पम।